Chilblians
/in cure/by iamsunitaArthiritis Pain Treatment in Homeopathy
/in cure/by iamsunitaबहुत से लोगों को जैसे ही मालूम होता है कि उन्हें गठिया है, तो वे जीने की उमंग ही खो बैठते हैं। लेकिन जिस तरह हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है, उस तरह गठिया का भी मुकाबला करके सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है और दर्द को कम किया जा सकता है। यहाँ प्रस्तुत हैं ऐसा करने के कुछ आसान तरीके-
जोड़ों का दर्द साधारणतया दो प्रकार के होते हैं। छोटे जोड़ों के दर्द को वात यानी रिक्हिटज्म कहते हैं। वात रोग (गाउट) में जोड़ों की गाँठें सूज जाती हैं, बुखार भी आ जाता है। बेहद दर्द एवं बेचैनी रहती है।
कारण : अधिक माँस खाना, ओस या सर्दी लगना, देर तक भीगना, सीसा धातुओं से काम करने वाले को लैड प्वाइजनिंग होना, खटाई और ठंडी चीजों का सेवन करना, अत्यधिक मदिरा पान एवं वंशानुगत (हेरिडिटी ) दोष।
लक्षण – रोग के आरंभ में पाचन क्रिया का मंद पड़ना। पेट फूलना (अफारा) एवं अम्ल का रहना (एसिडिटी), कंस्टिपेशन रहना। क्रोनिक (पुराने) रोग होने पर पेशाब गहरा लाल एवं कम मात्रा में होना।
आईये जाने होमियोपैथी द्वारा गठिया रोग का उपचार :