बार-बार डकार आना

लोग खाना खाने के बाद बार-बार डकार लेते हैं। ​जिसे हम हंसी-मजाक में उड़ा देते हैं और ज्यादा ध्यान नहीं देते। ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि लोगों को यह बहुत नेचुरल लगता है। जिसके बाद वे हल्का महसूस करते हैं। एक समस्या है। इसके कारण भी अलग-अलग हैं। पेट में बनी गैस डकार के जरिए शरीर से बाहर निकलती है। डकार से बदबू आ भी सकती है और नहीं भी। डकार के जरिए शरीर पेट में जमा अत्‍यधिक गैस को बाहर निकालता है। वैसे तो डकार का कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन अगर बार-बार डकार आए तो ये आपके लिए शर्मिंदगी की वजह बन सकता है। अगर आप भी डकार से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

डकार आने के कारण

कार्बोनेटेड ड्रिंक्स
कोला
सोडा
बियर
खाने में दाल
गोभी
मूली
मटर
धूम्रपान
स्ट्रेस और टेंशन

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपं भी डकार आने की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर डकार आने की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है, अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

पसीने की समस्या

शरीर के तापमान को सामान्य रखने के लिए शरीर में 25 लाख के करीब पसीने की ग्रंथियां होती हैं। पसीना शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों जैसे एल्कोहल, कोलेस्ट्रॉल और नमक की अतिरिक्त मात्रा को बाहर करने में मदद करता है। इसके अलावा कई खतरनाक रोगाणुओं से शरीर का बचाव करता है। बेमौसम या अकारण बहुत पसीना आ रहा है तो संभलने की जरूरत है। रात में पसीने की कई वजहें हो सकती हैं। इसके अलावा माहवारी के समय महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है, जिसकी वजह से उन्हें रात में पसीना आता है। टीब, कैंसर और डायबिटीज जैसी परेशानियों का भी एक लक्षण रात में पसीना आना होता है। अगर आप भी इन सभी पेशानियों से जूझ रहे है तो होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण

हार्मोंनल बदलाव होना
मसालेदार खाना
कैफीन का ज्यादा सेवन करना
गर्भावास्था
अल्कोहल
कोलेस्ट्रॉल
नमक की मात्रा में अधिक

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपं भी पसीना आने की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर पसीने आने की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है, अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

सर्दी-जुखाम

मौसम बदलता है तो लोगों को सदी, खांसी, बुखार, गले में खराश, उल्टी जैसी समस्या होती है। भले ही आप दिन में पँखे या एसी के नीचे रहते हों और आपको गर्मी लगती हो लेकिन शाम होते ही ठंड बढऩे लगी है। ऐसे में आपको अपनी सेहत के प्रति ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि बदलते मौसम में जरा सी लापरवाही से आप बीमार पड़ सकते हैं। मौसम में बदलाव के कारण हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिससे इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इस बदलते मौसम में बीमार होने से बच सकते हैं।

आये जानते है सर्दी के लक्षण-

सर्दी होने पर गले में खराश
नाक बहने की समस्या
हल्का बुखार होना
बार-बार नाक का बंद हो जाना
सिर दर्द होना

होम्योपैथिक उपचार

अगर आप भी सर्दी-जुखाम की समस्या सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सर्दी-जुखाम से छुटकारा पा सकते है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को ध्यान से देखकर अपना उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

कंधे में दर्द

कंधे का दर्द आमतौर पर लगातार सुस्त और दर्दनाक सनसनी की विशेषता है जो कंधे के जोड़ से या अन्य मांसपेशियों, लिगामेंट और या टेंडन से उत्पन्न हो सकती है जो कंधे के क्षेत्र को घेरती है। कंधे के जोड़ से उत्पन्न होने वाला कंधे का दर्द आमतौर पर इस लक्षण वाले व्यक्ति के कंधे या ऊपरी बांह की गति के साथ बिगड़ जाता है। अक्सर लोग दर्द को नजरअंदाज करना ही उचित समझते हैं। दर्द किसी भी तरह का हो, उसे नजरअंदाज नहीं बल्कि उसका इलाज करना चाहिए। कभी अत्यधिक काम तो कभी अनावश्यक का तनाव, कंधे में दर्द की वजह बनता है । हालांकि कई लोग कंधे में दर्द होने पर मालिश करते है यह एक अच्छा विचार है। लेकिन अगर आप कंधे के दर्द से परेशान है तो होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है।

कंधा दर्द के कारण-

पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस
रूमेटाइड गठिया
टेन्डेंटिस
सेप्टिक गठिया
रोटेटर कफ की चोट
जमे हुए कंधे
मोच और तनाव
मल्टीपल स्क्लेरोसिस
फ्रोजन सोल्डर
चोट
कंधा उतर जाना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी कंधे के दर्द की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर कंधे के दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

हड्डियों से आवाज आना

हमारे घुटनों से कट-कट की आवाज आती है जिसे हम सुन कर भी अनसुना कर देते हैं क्योंकि न तो हमारे घुटनो में दर्द होता है और न ही सूजन और हम उस आवाज को नजरअंदाज कर देते है वैसे तो ये कोई बीमारी नहीं है लेकिन बीमारी का संकेत जरूर है। अगर आपकी हड्डियों से कट-कट की आवाज आ रही हो तो आपको इसे गंभीरता से लेना होगा क्योंकि यह हड्डियों से जुड़ी गंभीर बीमारी का लक्षण है। जोड़ों से आने वाली इस प्रकार की आवाज को मेडिकल साइंस में क्रेपिटस कहा जाता है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसका कारण-

कई बार जोड़ों के बाहर मौजूद मांसपेशियों के टेंडन या लिगामेंट्स की रगड़ से भी आवाज सुनाई देती है। अक्सर यह समस्या होती है, तो यह गठिया का या हड्डियों के जोड़ों में लुब्रिकेंट की कमी का संकेत हो सकते है। यह समस्या कैल्शियम की कमी के कारण भी होती हैं। हड्डियों की एक बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर होने लगती है। उम्र के साथ जोड़ों में या हड्डियों में आवाज आना या दर्द होना आम बात हो सकती है लेकिन कम उम्र में भी कई लोगों इस समस्या से परेशान रहते हैं।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हड्डियों से कट-कट की आवाज की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हड्डियों से कट-कट की आवाज की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

काली खांसी की समस्या

काली खांसी एक सांस से संबंधी बीमारी है। काली खांसी बच्चों की बीमारी है लेकिन ऐसा नहीं है, यह खतरनाक बीमारी है क्योंकि यह संक्रामक होती है यानी इस बीमारी के वायरस हवा के जरिये एक इंसान से दूसरे तक पहुंचते हैं। यह खांसी रात और दिन में बढ़ जाती है। कई बार खांसते-खांसते दम फूलने लगता है। आंखें लाल हो जाती हैं। इस खांसी को कुक्कुर खांसी भी कहते हैं। एंटीबायॉटिक्स इसके संक्रामण से काफी हद तक बचाता है।

काली खांसी के लक्षण

उल्टी होना
खांसी के बाद थकावट
तेज खांसी
तीव्र खांसी

काली खांसी के कारण-

बुखार आना
खांसी आना
बहती नाक
नाक का बंद होना
लाल, पानी आँखें होना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी काली खांसी की समस्या से परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर काली खांसी से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

दमा रोग

दमा रोगी को सांस लेने में तकलीफ और कठिनाई महसूस होती है। दमा रोग सांस नलिकाओं में दोषों के कारण सुजन और विकारों के कारण नलिका का सिकुड़ जाने के कारण होता है। इसके कारण फेफड़ो में भी सुजन और कफ जम जाता है। अगर समय पर इलाज ना कराया तो यह रोग विकराल होता जाता है। दमा रोग से रोगी में घबरावट, घरघराहट, सीने में जकडऩ और और खांसी का आना स्वभाविक है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

दमा रोग के लक्षण-

ठंड में या व्यायाम में ज्यादा
सामान्य से शुरु
सूखा बलगम
सांस लेने से घरघराहट
सीने में जकडऩ और
सांस के साथ सीने से सिटी की आवाज

दमा रोग के कारण-

एलजी
कोकरोच, दीमक
खाद्य पदार्थो के कारण
वायु प्रदुषण
अनुवांशिक
पराग कण
सर्दी और मौसम बदलाव
धुम्रपान
मोटापा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी दमा रोग की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर दमा रोग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

हस्तमैथुन की लत

हस्तमैथुन को लेकर पूरी दुनिया में लोगों के भीतर कईं भ्रांतियां और प्रश्न हैं। कईं लोग इसे गलत नज़रिए से देखते हैं तो कुछ सही समझते हैं, परंतु अगर बात विज्ञान की की जाए तो विज्ञान इसे गलत नहीं मानता बल्कि वह इसे स्वास्थ्य के लिए की जाने वाली एक सामान्य एक्सरसाइज़ की तरह देखता है और बेहतर स्वास्थ्य का एक विकल्प मानता है। जब कोई व्यक्ति अपने प्राइवेट पार्ट को सैक्स क्रिया की भांति प्रयोग करता हैं तो उसे हस्तमैथुन माना जाता है । हर इसे व्यक्ति इसे अलग-अलग तरीके से करने का इच्छुक होता है क्योंकि यह क्रिया कहीं न कहीं उसके दिमाग और मन में उपजी उसकी भावनाओं को दर्शाती है।

हस्तमैथुन के कारण-

असल में हस्तमैथुन कुछ हार्मोनों की रिहाई को बढ़ावा देता है जो स्वाभाविक रूप से यौन संतुष्टि और संतुष्टि की भावना प्रदान करते हैं। यह नशे की लत हो जाता है क्योंकि लोग या तो पोर्नोग्राफी को इतनी आकर्षक लगते हैं कि वे वास्तविक जीवन के अनुग्रहों को अनदेखा करते हैं, या वे अवसाद और वैकल्पिक यौन गतिविधि की कमी, सामान्य यौन गतिविधि की कमी या उनके से बचने के विकल्प के रूप में हस्तमैथुन और संबंधित संतुष्टि और संतुष्टि लेते हैं।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हस्तमैथुन की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हस्तमैथुऩ की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

विटामिन डी की कमी

विटामिन डी से हमारे शरीर को काफी उर्जा मिलती है, जिससे हमारा शरीर सुचारू ढंग से काम करता है। सूर्य की किरणों को विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। यह शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है, जोकि तंत्रिका तंत्र की कार्य प्रणाली और हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक है। विटामिन डी की कमी के चलते थकान बनी रहना, मांसपेशियों का कमजोर होना या फिर अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा होती है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप अपनी सेहत का ध्यान रखें। आप होम्योपैथिक विधि से विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

ब्लड प्रेशर बढ़ जाना
चेहरे और हाथों में झुरियां
हड्डियों में दर्द
मांशपेशियों में कमजोरी
शरीर में एनजी लेवल कम
ज्यादा नींद आना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपं भी विटामिन डी की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर विटामिन डी समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है, अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

मियादी बुखार

मियादी बुखार एक संक्रामक बुखार है। यह बुखार साल्मोनेला बैक्टीरिया के संपर्क में आने से ही होता है। टाइफाइड बुखार में व्यक्ति के शरीर का तापमान 102 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। साल्मोनेला टायफी बैक्टीरिया गंदे पानी और संक्रमित भोजन से फैलता है। टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है, यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होता है। यह साल्मोनेला पैराटाइफी बैक्टीरियम से भी फैलता है। टाइफाइड बैक्टीरिया पानी और खाने के जरिए लोगों के अन्दर जाता है और इसके द्वारा बहुत से लोगों में यह फैल जाता है। बैक्टीरिया पानी या सूखे सीवेज में हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं। आप होम्योपैथिक विधि से टाइफाइड का उपचार कर सकते है।

आइये जानते है टाइफाइड के लक्षण-

सरदर्द होना
104 डिग्री तक बुखार आना
शरीर में दर्द होना
जी मिचलाना
दस्त और कब्ज होना
पेट दर्द होना
कफ की समस्या

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप टाइफाइड की बीमारी से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से आसानी से इसका उपचार कर सकते है। यूपेटोरियमप्रफोलिएटम-200 एक होम्योपैथिक दवा है। यह दवा इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन एंड होम्योपेथिक डिपार्टमेंट की ओर से रिकोमेंडिड है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है तथा स्वाद में मीठी है। इस दवा को किसी भी उम्र का व्यक्ति गर्भवती महिला बच्चा भी ले सकता है। दवा लेने के तरीके के बारे में बताया कि तीन दिन चार गोली सुबह चार शाम को लेनी हैं। फिर हर चौथे दिन चार गोली सुबह खाली पेट चूसनी हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।