बच्चों में चिड़चिड़ापन
आजकल छोटे बच्चों को गुस्सा आना एक आम बात हो गई है। ये गुस्सा बच्चों के चिड़चिड़ेपन को बढ़ता है। ये गुस्सा या चिड़चिड़पन बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत हानि पहुंचाता है, इसलिए जरूरी है की बच्चों का गुस्सा या चिड़चिड़पन का किया जाये। पर ऐसे में सवाल ये उठता है कि बच्चों के गुस्से चिड़चिड़ेपन को कम कैसे किया जाए। अगर आपका बच्चा चिड़चिड़ेपन का शिकार है तो आप होम्योपैथिक उपचार कर सकते है। आइये जानते है क्यों होता है चिड़चिड़ापन।
बच्चों का लगाव हमेशा मां से ही ज्यादा होता है क्योंकि मां उसकी हर बात बिना कहे ही समझ जाती है। इसी वजह से बच्चे का पहला स्कूल भी उसकी मां को ही कंहा जाता है क्योंकि उसे जीवन का शुरुआती ज्ञान वहीं से मिलता है। लेकिन कई बार बच्चे के मन की स्थिति को समझना बढ़ा मुश्किल हो जाता है जिसके कारण बच्चे में चिड़चिड़ापन, गुस्सा या चुप रहना आदि लक्षण देखने को मिलते है –
मोटापा बढऩा।
भूख कम लगना।
चिड़चिड़ा होना।
होम्योपैथिक उपचार-
अगर आपका बच्चा चिड़चिड़ेपन का शिकार है तो आप होम्योपैथिक विधि से उसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखे। अगर आपकों उपचार में कोई समस्या हो तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर जानकारी ले सकते है।