Crack Heels treatment in homeopathy | फटी एड़ियों के लिए दवाए
फटी एड़ियां
फटी एड़िया एक आम परेशानी है परन्तु ये एक दर्दनाक बीमारी बन सकती हैं अगर समय रहते फटी एड़ियों का उपचार नहीं किया जाये तो | इतना ही नहीं फटी एड़ियां अक्सर महिलाओं के लिए शर्मिंदगी का कारण भी बन जाती हैं , फटी एड़ियां जहा एक तरफ शर्मिन्दिगी का कारण बनती हैं, वही दूसरी तरफ इनमे से कभी कभी खून भी निकलने लगता हैं |
यह समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक देखी गयी है।परन्तु आजकल ये देखने को मिलता हैं की बरसातों के मौसम से ही एड़ियों का फटना शुरू हो जाता हैं |
फटी एड़ियों के कारण
फटी एड़ियों का मुख्य कारण हैं पैरों की सही देख भाल न कर पाना, समय समय पर पैरों को न धोना, पैरों में चपलों का अधिक प्रयोग करना , नंगे पाव घूमना, गर्मियों के मुकाबले ठंडो में ये समस्या ज्यादा देखी जाती हैं…., आदि कारण फटी एड़ियों के कुछ मुख्य कारण हैं।
फटी एड़ियों के लक्षण :
इन परेशानियों का लक्षण है जैसे
पैरों में लाली , खुजली, सूजन
स्किन का फटना और साथ में त्वचा का रूखा व पतला हो जाना है |
इसके पहले कि दरारें (Cracks ) गहरी हो जाए और उसमे से खून (Bleeding ) आने लगे या दर्द हो, हम सही उपचार से बच सकते हैं |
फटी एड़ियों के लिए होम्योपैथिक उपचार
एड़ियों के फटने पर आप कुछ होम्योपैथिक दवाये इस्तेमाल कर पैरो की सुंदरता को बनाये रख फटी एड़ियों से निजात पा सकते हैं :
Calendula officinalis – Q से फटी एड़ियों को रुई की मदद से साफ करें
No crack cream को फटी एड़ियों में दिन में दो बार प्रयोग करें
Petroleum ३० की ५ बुँदे दिन में ३ बार लें ( ५ बुँदे सवेरे, ५ बुँदे दिन में, ५ बुँदे शाम को )
Natrum Sulp 6x की ४ गोली दिन में ३ बार लें, ( ४ गोली सवेरे, ४ गोली दिन में , ४ गोली शाम को )
इन दवाओं को सही मात्रा व सही समय पर प्रयोग करें साथ ही पाव को साफ रखे और गर्म पानी से धोये हो सकते को चपलों से ज्यादा जूतों का इस्तेमाल करें।