पेट फूलने की समस्या से परेशान

पेट फूलना यानी ब्लोटिंग एक बेहद आम समस्या है। यह समस्या होने पर पेट फूला हुआ और टाइट लगता है। ऐसा सामान्यतौर पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में गैस भरने के कारण होता है। पेट सामान्य से बड़ा दिखाई देता है और कभी-कभी पेट में दर्द भी होता है। पेट में सूजन की समस्या आजकल इतनी आम है कि इसे महामारी कहा जाता है। लोगों का खराब आहार, अत्यधिक तनाव, दैनिक दवाओं का सेवन और विभिन्न प्रदूषकों के संपर्क में आना इसका मुख्य कारण हो सकता है। बहुत बार पेट का फूलना आपके लिए असुविधा का कारण बन सकता है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप पेट फूलने की समस्या से छुटकारा पा सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

उल्टी या मतली
मल और मूत्र के साथ का आना
वजन घटना
बाथरूम जाने में समस्या
गले में और बगल में दर्द
थकान
बुखार आना
त्वचा चकत्ते होना
आंखें में पानी
गले में खुजली
कब्ज या दस्त

आइये जानते है इसके कारण-

पेेट फूलने के कई कारण हो सकते हैं जैसे अनियमित आहार शैली, खराब खान-पान, शारीरिक गतिविधि का अभाव, अधिक तेल-मिर्च, गर्म मसालों का सेवन, कमजोर पाचन तंत्र, अधिक तनाव, एलर्जी, हार्मोनल असंतुलन, थायरॉइड डिसफंक्शन आदि। आजकल ज्यादातर लोगों की जीवन शैली इसलिए प्रभावित हैं क्यूंकि वो अनियमित आहार शैली लेते हैं। उनका खान-पान संतुलित और पौष्टिक ना होने के कारण वो बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। खाने को अच्छी तरह चबाकर ना खाने, अधिक वसा और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन से पेट में इंफेक्शन और सूजन की समस्या हो सकती है।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पेट फूलने की समस्या से जूझ रहे है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पेट फूलने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

ऐडिय़ा फटने की समस्या

साफ, मुलायम और चिकने पैर किसे पसंद नहीं होते। कुछ लोगों को ये लगता हो कि पैरों की देखभाल क्या करना, लेकिन बता दें कि पैर आपकी पर्सनैलिटी चेक करने का सबसे पहला तरीका होता है। क्या फटी एडिय़ों की वजह से आप अपनी पसंदीदा सैंडिल नहीं पहन पा रही हैं। क्या आप नहीं चाहतीं कि आपकी एडिय़ां भी कोमल, मुलायम और खूबसूरत नजर आये। आपको एडिय़ां खूबसूरत बनानी हैं तो अभी से ही उन पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दीजिए। जैसे हम अपने चेहरे को निखारने पर तो पूरा ध्यान देते हैं लेकिन पैरों की केयर नहीं करत। इसी वजह से फटी एडिय़ों की शिकायत हो जाती है। समय के साथ यह समस्या बढ़ती है और तब एडिय़ों में दर्द के अलावा खून तक आना शुरू हो जाता है। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से फटी एडिय़ों से छुटकारा पा सकते है।

एडिय़ा फटने का कारण-

अगर एडिय़ां की फटी हो तो अक्सर दूसरों के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है। बहुत से महिलाएं अपनी फटी एडिय़ों को मुलायम बनाने के लिए हजारों ट्रीटमेंट का सहारा लेती है लेकिन फटी एडिय़ों की वजह को अनदेखा कर देती है। आइये जानते है फटी एडिय़ों के कारण-

रूखी त्वचा
पैरों पर अत्यधिक दबाव
एथलीट फुट
सोरायसिस
खुजली
सनबर्न

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी एडिय़ा फटने की समस्या से जूझ रहे है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर एडिय़ों के फटने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो देखकर साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

शिशुओं को दस्त की समस्या

कभी-कभार पतला मल होना सामान्य है। यदि आपके शिशु के मलत्याग के तरीके में अचानक बदलाव आता है और वह बार-बार पानी जैसा पतला मलत्याग कर रहा है, जिसमें कोई ढेले नहीं हैं तो हो सकता है शिशु को डायरिया हुआ हो। जब शिशु बार-बार पानी जैसा पतला और श्लेमदृयुक्त मलत्याग करता है, तो उसे दस्त लगना कहते हैं। यह आमतौर पर किसी जीवाणु या विषाणु के संक्रमण या कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता के कारण होता
है। अगर शिशु के शरीर मे पानी की कमी हो जाए तो नवजात शिशुओं में दस्त बहुत गंभीर हो सकते हैं। आज हम आपको बता रहे है शिशुओं को दस्त लगने पर कौन-सी होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल किया जाय।

आइये जानते है इसके कारण-

रोटावायरस,
एडीनोवायरस
कैलिसिवायरस
एस्ट्रोवायरस
इन्फ्लूएंजा डायरिया
उल्टी
पेट दर्द
बुखार
बदन दर्द

दस्त लगने के लक्षण-

कई बार बच्चा सामान्य से अधिक मल त्याग करनर।
मल बहना और बदबूदार
शिशु को बुखार
शिशु चिड़चिड़ा होना
शरीर में पानी की कमी
धँसी हुई आँखें
सूखा मुँह
गहरे पीले रंग का मूत्र
रोने पर कोई आँसू न आना
बुखार और उल्टी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा भी दस्त से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी

होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर बच्चे के दस्त की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

नपुंसकता की समस्या

प्राइवेट पार्ट में पर्याप्त तनाव न आने या पर्याप्त तनाव आने के बाद भी सही तरीके से सहवास न कर पाने को नपुंसकता कहा जा सकता है। आजकल नपुंसकता या इम्पोटेंसी की बजाय इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहा जाता है। इसके अलावा सेक्स के दौरान लिंग में उत्तेजना न आने या उत्तेजना को बनाए न रख पाने की समस्या को इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी नपुंसकता कहते हैं। यह समस्या धीरे-धीरे हीन भावना का रूप भी ले लेती है। नपुंसकता के कई कारण हो सकते हैं। अगर आप भी नपुंसकता से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है आज हम बतायेंगे कैसे आप नपुंसकता का उपचार कर सकते है।

नपुंसकता के लक्षण

इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या
लिंग में उत्तेजना न होना
यौन क्रियाओं के दौरान उत्तेजना बनाने में परेशानी
सेक्स करने की इच्छा में कमी
समय से पहले स्खलन होना

नपुंसकता के कारण-

हाई ब्लड प्रेशर
हृदय संबंधी रोग
हाई कोलेस्ट्रॉल
डायबिटीज
मोटापा
दवाओं के साइड इफेक्ट
तंबाकू का सेवन
शराब का सेवन

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी नपुंसकता से जूझ रहे है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर नपुंसकता की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

त्वचा का रूखी होना

सर्दी के मौसम में रूखी त्वचा वाले लोगों को परेशानी होती है। रूखी त्वचा वाले लोगों के लिए त्वचा का फटना, खुजली, जलन व रैशेज आम समस्याएं हैं। सर्दियों में अधिक कपड़े पहनने से शरीर को मॉइश्चर नहीं मिलता, जिससे त्वचा ड्राइ हो जाती है। इससे वे फटने लगती हैं। त्वचा को ड्राइ होने से बचाने के लिए मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं। त्वचा को ड्राइनेस से बचाने के लिए मलाई या तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं। होठों में भी यह समस्या आती है, इस मौसम में। इसके लिए घरेलू दवाएं या अपने डॉक्टर से सलाह लेकर दवा ले सकते हैं। आज हम आपकों बतायेंगे रूखी त्वचा के सही ठीक करने के होम्योपैथिक उपाय।

रूखी त्वचा होने के कई कारण होते हैं और कुछ कारण इतने सामान्य होते हैं कि उन पर किसी का ध्यान ही नहीं जाता है। नीचे हम कुछ कारण आपको बता रहे हैं, जिसे जानकर आप और अच्छे से रूखी त्वचा की देखभाल कर सकेंगे।

अत्यधिक ठंड या शुष्क हवा
हीटर जैसे उपकरण के कारण घर के अंदर अत्यधिक गर्मी
एयर कंडीशनर के कारण अत्यधिक ठंडी शुष्क हवा।
बहुत कम या बहुत अधिक नहाने के कारण।
कुछ विशेष साबुन या डिटर्जेंट के इस्तेमाल से।
एक्जिमा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी रूखी त्वचा समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर रूखी त्वचा की समस्या की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

डकार आने की समस्या

डकार साधारण क्रिया है, जो किसी भी समय आ सकती है। अक्सर ऐसा माना जाता है कि डकार भोजन पच जाने का संकेत है। लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं है। खाना खाते समय या उसके बाद बार-बार डकार लेने का मतलब है कि खाने के साथ ज्यादा मात्रा में हवा शरीर के अंदर चली गई है। जब हवा अंदर जाती है तो बाहर भी निकलती है, जिसे हम डकार कहते हैं। यह पेट से गैस के बाहर निकलने का एक प्राकृतिक तरीका है और अगर पेट से हवा बाहर न निकले तो यह पेट से संबंधित कई समस्याओं को जन्म दे सकती है। लेकिन अगर डकार ज्यादा आए तो ये कई बार कुछ बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। आज हम आपको बतायेंगे होम्योपैथिक उपचार के बारे में जिसे आप डकार आने में इस्तेमाल कर सकते है।

आइये सबसे पहले जानते है इसके कारण-

कब्ज या बदहजमी-जिन लोगों को बहुत ज्यादा डकार आती है, लगभग 30 प्रतिशत लोगों को कब्ज की समस्या होती है। यह समस्या होने पर खाने में पर्याप्त मात्रा में फाइबर को शामिल करें। इसके अलावा बदहजमी के कारण भी ज्यादा डकार आती है।

डिप्रेशन- तनाव कई समस्याओं का कराण होता है। लगभग 65 प्रतिशत मामलों में मूड में त्वरित व बड़ा बदलाव या तनाव का बढऩा ज्यादा डकार आने का कारण बनता है।

ऐरोफेजिया-खाना खाते समय ज्यादा हवा पेट के अंदर ले लेते हैं तो डकार आने लगती है। ऐसी स्थिति को ऐरोफेजिया कहते हैं।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी डकार की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर डकार की समस्या की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। इसके अलावाा आपकों अपने घर के पास साफ.-सफाई रखनी चाहिए। कूलर के पानी की सप्ताह में एक बार सफाई जरूर करनी चाहिए।

मलेरिया बुखार की होम्योपैथिक दवा

मलेरिया बुखार एक संक्रामक रोग है। जो व्यक्ति को फीमेल मच्छर एनोफिलीज के काटने से होता है। इस मच्छर में एक विशेष प्रकार का जीवाणु पाया जाता है जिसे डॉक्टरी भाषा में प्लाज्मोडियम कहा जाता है। गौर करने वाली बात यह है कि इस मादा मच्छर में पाई जाने वाले जीवाणु की 5 जातियां होती हैं। मच्छर के काटने से प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु शरीर में चला जाता है, समय पर इलाज न होने की स्थिति में यह मर्ज जानलेवा हो सकता है। मलेरिया बुखार प्लॅस्मोडियम वीवेक्स नामक वाइरस के कारण होता है। केवल वही मच्छर व्यक्ति में मलेरिया बुखार संचारित कर सकता है, जिसने पहले किसी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटा हो। ये वायरस लिवर तक पहुंच कर उसके काम करने की क्षमता को बिगाड़ देता है। आज हम आपकों बतायेंगे होम्योपैथिक विधि से मलेरिया बुखार से बचाव के उपाय।

आइये जानते है इसके लक्षण-

सिरदर्द होना
शरीर में दर्द होना
जी मचलना और उल्टी होना
तेज बुखार आना
कंपकंपी छूटना
पसीना आना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मलेरिया बुखार से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मलेरिया बुखार की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देख साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। इसके अलावाा आपकों अपने घर के पास साफ.-सफाई रखनी चाहिए। कूलर के पानी की सप्ताह में एक बार सफाई जरूर करनी चाहिए।

हॉफने की समस्या

अगर आप बिना कारण हॉफने लगते है, तो इसका कारण कोई रोग हो सकता है। सॉँस का तेजी से चलना, सामान्यत: जवान और प्रौढ व्यक्ति हर मिनट में 16.20 बार श्वसन करते है। अर्थात कसरत के समय ये गती बढ़ जाती है, लेकिन बिना किसी शारीरिक श्रम के हॉफना। ये एक रोग है। हॉफना और कमजोरी दो अलग बातें है, लेकिन कभी-कभी वें एक साथ शुरू होती है। कमजोरी अर्थात श्रम करने की शक्ति की कमी, हॉफने कही तकलीफ हो तो तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह ले। हॉफने की यह तकलीफ ज्यादातर हृदय, फेफड़े या खून की बिमारियों के कारण हो सकता है। अगर आप भी हाँफने की समस्या से परेशान है तो होम्योपैथी रोग का जड़ से भी इलाज करती है।

हांफने के लक्षण-

बेहोश होना
चक्कर आना
त्वचा में खुजली
फेफड़ों में जलन
गले में जलन
छाती से आवाज आना
दिल की गति तेज

आइये जानते है इसके कारण-

अस्थमा हांफने का एक कारण है।
पैनिक अटैक
व्यायाम करना
दम घुटना
संक्रमण
खून के थक्के
डायबिटिक

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हॉफने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हॉफने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस
होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

भूख न लगने की समस्या

कई बार बच्‍चे अपनी पसंद का खाना होने पर भी खाने से मना कर देते हैं या हरी सब्जियों को देखकर मुंह बना लेते हैं। वही कुछ बच्‍चे तो रोज बस थोड़ा-सा ही खाना खाते हैं। अगर आपका बच्‍चा भी ऐसा करता है तो ये भूख कम लगने का संकेत हो सकता है। भूख न लगे तो हमारा ध्यान सबसे पहले पेट पर ही जाता है। जो एक दो दिन कभी भूख न लगे तो यह पाचन तंत्र की ऊंच नीच से भी हो सकता है। लेकिन यह भी सच है कि यदि पेट के कारण ही भूख गड़बड़ हो रही है तब भी चिकित्सक को कारण की तलाश तो करनी होगी और यदि भूख खत्म हुए लंबा समय हुआ है या यह एकदम ही खत्म है तो यह कोई सामान्य बात नहीं। आप होम्योपैथिक विधि से भूख न लगने की समस्या का उपचार कर सकते है।

भूख न लगने के कारण-

भूख न लगने के कई कारण हो सकते है। जैसे-बुखार, गले में खरास, पेट दर्द या खराब सेहत की वजह से बच्‍चों को भूख नहीं लगती है। इसके अलावा खाने के बीच-बीच में स्‍नैक्‍स या जंक फूड ज्‍यादा खाने, हाई शुगर बेवरेज पीने और शरीर में कैलोरी बढऩे के कारण भी भूख कम लग सकती है। ग्रोथ और अन्‍य बदलावों की वजह से भी बच्‍चों का ईटिंग पैटर्न प्रभावित हो सकता है। कुछ बच्‍चों को हर वक्‍त उछल-कूद करने की आदत होती है इसलिए ऐसे बच्‍चे एक जगह टिक कर खाना नहीं खाते हैं और खाने को बीच में ही छोड़ देते हैं।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी भूख न लगने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर भूख न लगने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

पीलिया की होम्योपैथिक दवा

पीलिया होने पर किसी व्यक्ति को सिर दर्द, लो-ग्रेड बुखार, मतली और उल्टी, भूख कम लगना, त्वचा में खुजली और थकान आदि लक्षण होते हैं। वायरल हैपेटाइटिस या जॉन्डिस को साधारणत: लोग पीलिया के नाम से जानते हैं। यह रोग बहुत ही सूक्ष्म विषाणु के कारण होता है। शुरू में जब रोग धीमी गति से व मामूली होता है तब इसके लक्षण दिखाई नहीं पडते हैं, परन्तु जब यह उग्र रूप धारण कर लेता है तो रोगी की आंखे व नाखून पीले दिखाई देने लगते हैं, लोग इसे पीलिया कहते हैं। अगर आप भी पीलिया की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

बुखार आना
पेट में दर्द होना
बदन में खुजली
वजन कम होना
स्किन का पीला पडऩा
आंखों का सफेद होना
पेशाब का रंग गहरा पीला होना
मल का रंग सामान्य न होना

पीलिया के कारण-

हेमोलिटिक एनीमिया
गिल्बर्ट सिंड्रोम
अवरुद्ध पित्त नलिकाएं
अग्नाशय का कैंसर
हेपेटाइटिस
लिवर की तीव्र सूजन
शराब से संबंधित लिवर रोग

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पीलिया से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पीलिया से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।