पीलिया की समस्या

लीवर हमारे शरीर के सबसे बड़े एवं सबसे व्यस्त अंगों में से एक है जो कई सारी शारीरिक एवं रासायनिक प्रक्रियाओं में शामिल होता है। लीवर के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। शरीर में बनें जहरीले अपशिष्ट पदार्थों को कम हानिकारक तत्वों में बदलना ताकि वे सुरक्षित रूप से शरीर से बाहर निकाले जा सकें। पीलिया में त्वचा पीली पड़ जाती है और आंखें सफेद होने लगती हैं। नवजात बच्चे अक्सर पीलिया की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। अगर शरीर पीला पड़ रहा है तो ये पीलिया का लक्षण हो सकता है। पीलिया को जॉन्डिस भी कहा जाता है। हालांकि, बच्चों में पीलिया होने पर चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन अगर बड़े इस बीमारी की चपेट में आ जाएं तो परेशानी बढ़ जाती है। इसे ठीक होने में भी लंबा वक्त लग जाता है। आप होम्यापैथिक विधि से पीलिया का उपचार कर सकते है।

पीलिया के लक्षण-

हेपेटाइटिस वायरस
लीवर की नलिकाओं में अवरोध
अल्कोहलिक लीवर डिजीज
थेलेसीमिया
लीवर कैंसर
लीवर सिरोसिस

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पीलिया की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पीलिया की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

मुंहासों की समस्या

मुंहासे होना एक आम समस्या है। इससे कई लोग परेशान रहते है। मुंहासों की वजह से कई बार चेहरे पर धब्बे रह जाते हैं। क्या आप भी ऐसे ही मुंहासों की समस्या से परेशान हैं या मुंहासे से होने वाले धब्बे से परेशान हैं। मुंहासे के दाग तब ज्यादा परेशान करते हैं जब आप कही जाने का प्लान कर रहे होते हैं। ऐसे में दाग की वजह से आपका मूड भी खराब हो जाता है। वहीं कई बार तो ये काले धब्बे एक महीने तक और कभी-कभी तो उससे भी ज्यादा समय तक चेहरे पर रह जाते हैं। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

मुंहासों के कारण-

फुंसी का होना
सिस्ट का होना
काले धब्बों का होना
छालों का पडऩा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मुंहासों की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मुंहासों की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखे।

बीपी बढऩे की समस्या

आजकल के समय में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बेहद आम हो गई है। बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से कभी भी बीपी बढ़ जाता है। बढ़ते बीपी को कंट्रोल करने के लिए लोग दवाइयों का सेवन करते हैं, लेकिन दवाइयों का सेवन करने से हमारे शरीर को कई अन्य नुकसान भी पहुंचते हैं। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करने के लिए हमें होम्योपैथिक विधि अपनाना चाहिए। ब्लड प्रेशर की समस्या आज के समय में बेहद आम हो गई है। सिर्फ बढ़ती उम्र में ही नहीं, बल्कि युवा वर्ग भी गलत लाइफस्टाइल के कारण हाई बीपी या लो बीपी की समस्या का सामना कर रहा है। सबसे पहले जानते है इसके लक्षण-

बीपी बढऩे के लक्षण-

बेचैनी
घबराहट
थकान
धूंधला दिखना
कमजोरी महसूस करना
नाक से खून निकलना
सिरदर्द होना
सिर घूमना
सिर भारी होना
सीने में तेज दर्द
चक्कर आना
उल्‍टी महसूस होना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी बीपी बढऩे की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर बीपी बढऩे की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखे।

हाइपोथर्मिया की समस्या

शरीर का एक सामान्य तापमान होता है, जो कि शरीर द्वारा कंट्रोल किया जाता है। जब शरीर का तापमान इस सामान्य व सुरक्षित स्तर से अचानक नीचे गिर जाता है, तो यह हाइपोथर्मिया कहलाता है। यह समस्या जानलेवा भी साबित हो सकती है और खासतौर से नवजात और बुजुर्ग लोगों के लिए तो यह समस्या काफी खतरनाक होती है। शरीर इतनी शारीरिक गर्मी का उत्पादन नहीं कर पाता, जितनी गर्मी आपके शरीर द्वारा इस्तेमाल की जा रही है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

कंपन महसूस करना
सांसें धीमी होना
बोलने की गति कम होना
े शारीरिक थकान
याद्दाश्त कमजोर होना
हाथ और पैरों का सुन्न होना
नवजातों की त्वचा लाल या ठंडी होना
नवजात बच्चों में ऊर्जा की कमी
बोलचाल में परेशानी
बेहोश होना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हाइपोथर्मिया की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हाइपोथर्मिया की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बेल्स पाल्सी की समस्या

वायरल इन्फेक्शन से होने वाली इस बीमारी में आधे चेहरे की मांसपेशियों में अचानक कमजोरी आती है ऐसे में चेहरे का आधा हिस्सा एक ओर लटक जाता है। इसे फेशिअल पैरालिसिस या चेहरे का लकवा कहते हैं। बेल्स पाल्सी में चेहरे को कंट्रोल करने वाली नर्व या तो सिकुड़ जाती है या सूज जाती है। इससे आधा चेहरा अकडक़र एक तरफ लटक जाता है। ऐसी अवस्था में कुल्ला करने, मुस्करानें तथा एक तरफ की आंख बंद करने में परेशानी होती है। कुछ मामलों में बेल्स पाल्सी का अटैक गम्भीर होता है और सही समय पर इलाज न होने से चेहरा स्थायी रूप से बिगड़ जाता है। आप होम्योपैथिक विधि से बेल्स पाल्सी का उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

चेहरे का अकडक़र
चेहरे की मासपेशियां का लगातार फडक़ना
आँखों और मुंह का सूखना
सिर दर्द
लगातार दो हफ्ते से जुकाम
कान या आंख में संक्रमण
अचानक चेहरे पर अजीबोगरीब लक्षण
चेहरे में कमजोरी
कुल्ला करने पर मुंह में पानी न रूकना
खाने-पीने में परेशानी

आइये जानते है इसके कारण-

साइनस
दिल टूटना
किसी करीबी से बिछडऩा
जुकाम
वायरल संक्रमण
मानसिक आघात

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी बेल्स पाल्सी की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर बेल्स पाल्सी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

लिवर की समस्या

लिवर की समस्या जिन लोगों को भी होती है, उन्हें अक्सर पेट से जुड़ी कोई ना कोई शिकायत बनी ही रहती है। कई बार थोड़ा खाने पर भी उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे ओवर ईटिंग कर ली है। जबकि कई बार वे खाना खाते जाते है, अपनी डायट से बहुत अधिक खा लेते हैं। लेकिन फिर भी पेट भरने का अहसास नहीं होता है। छुट्टियों का मौसम है ठंड है और लोग रम और ब्रैंडी को अपना सहारा मान कर लोग अपने दिन काट रहे हैं। पार्टियां भी जोर-शोर से हो रही हैं। क्या कभी सोचा है कि अक्सर सर्दियों के समय पेट में दर्द की शिकायत क्यों हो जाती है। वैसे तो न इसका कोई तय मौसम है, न ही तय शिकार, लेकिन लिवर की समस्या आसानी से किसी को भी हो सकती है। लिवर की बीमारी के पहले मरीज की बॉडी उसे कुछ सिग्नल देती है। आज हम आपको मरीज के अनुभव दिखाते हुए होम्योपैथिक विधि से उपचार बतायेंगे।

लिवर की बीमारी के संकेत

धीरे-धीरे दर्द का बढऩा
सूजन बढऩा
निशान
पीलापन
खुजली
थकान
वजन बढऩा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी लिवर की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर लिवर की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर आप अपने बच्चे का सही तरीके से उपचार कर सकते है।

सफेद दाग की समस्या

इस बीमारी को समाज में कलंक के रूप में भी देखा जाता है। विटिलिगो किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है, लेकिन विटिलिगो के आधा से ज्यादा मामलों में यह 20 साल की उम्र से पहले ही विकसित हो जाता है। वहीं 95 प्रतिशत मामलों में 40 वर्ष से पहले ही विकसित होता है। शरीर के किसी अन्य अंग पर सफेद दाग दिखने लगता है। सफेद दाग का सही समय पर इलाज करवाना जरूरी होता है वरना ये शरीर के बाकी हिस्सों पर भी फैल सकता है। स्किन के किसी अंग या बालों का सफेद होना विटिलिगो कहलाता है। जिसे सफेद दाग के नाम से भी जानते है। यह समस्या शरीर में मेलानोसाइट्स की कमी के कारण होते है। जो मेलानिन नामक स्किन के पिगमेंट बनाती है। जिससे स्किन में रंग बनने वाली कोशिकाएं खत्म होने के कारण यह सफेद दाग होते हैं। यह सफेद दाग शरीर में किसी भी जगह हो सकते हैं। समय से पहले सिर के बाल,भौहें, पलकें, दाढ़ी के बालों का रंग उड़ जाता है या सफेद हो जाती है। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप सफेद दाग से छुटकारा पा सकते है।

सफेद दाग के कारण-

पाचन तंत्र खराब
कैल्शियम की कमी
बच्चों के पेट में कृमि
अनुवांशिकता
लीवर रोग
जलने पर
चोट लगने से

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी सफेद दाग की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सफेद दाग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर आप अपने बच्चे का सही तरीके से उपचार कर सकते है।

पैरों में दर्द

अक्‍सर पैरों में और जोड़ों में दर्द होता है या फिर आपकी बॉडी में भारीपन सा लगता है तो इसे साधारण समझने की कोशि‍श न करें क्‍योंकि ये शरीर में विटामिन डी की कमी के लक्षण हो सकते हैं। लंबे समय तक एक जगह खड़े या बैठकर काम करने से अक्सर लोगों को पैर दर्द की दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कई बार पैरों का दर्द इतना असहनीय हो जाता है कि लोग उसके लिए पेनकिलर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन बार-बार पेनकिलर का सेवन करना सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में पेनकिलर की जगह होम्योपैथिक उपचार से पैर दर्द से छुटकारा पाना एक अच्छा विकल्प रहेगा। आज हम बतायेंगे आपकों कैसे पैरों के दर्द को आप होम्योपैथिक विधि से दूर कर सकते है।

पैरों में दर्द का कारण-

गठिया
मोच
कैलस
गोखरू
इडिमा
डायबिटीज
टूटी हुई हड्डिया

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पैरों मेें दर्द की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पैरों के दर्द से समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर आप अपने बच्चे का सही तरीके से उपचार कर सकते है।

शिशु में उदरशूल की समस्या

एक स्वस्थ शिशु में उदरशूल अक्सर लंबे समय तक और तीव्र रोना या चिड़चिड़ाहट होना है। उदरशूल विशेष रूप से माता पिता के लिए निराशाजनक हो सकता है। क्योंकि बच्चे का संकट किसी स्पष्ट कारण के लिए नहीं होता है और कोई भी सांत्वना कोई राहत नहीं देती है। तीन महीने से कम उम्र के बच्चे जो लगातार रोते रहते हैं और इसी वजह से उनके पेट में दर्द रहता है उसे उदरशूल कहते हैं । इसमें बच्चा लगातार रोता रहता है। माता-पिता इस बात का पता नहीं लगा पाते हैं कि बच्चा क्यों रो रहा है। इसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। जब वह छठे सप्ताह तक पहुंच जाता है तो रोना काफी हद तक बेकाबू हो जाता है और माता-पिता बेहद परेशान हो जाते हैं उनके समझ नहीं आता की वह क्या करें। माता-पिता आमतौर पर अपने बच्चों को भयानक रोने के कारण उसको कम करने के लिए डॉक्टर के पास ले जाते हैं। जिससे की उन्हें आराम मिल सके। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप उदरशूल की समस्या से अपने बच्चे को निजात दिला सकते है।

उदरशूल के कारण-

कमजोर
बचपन के माइग्रेन
पारिवारिक तनाव
पाचन तंत्र का विकसित न होना
स्वस्थ बैक्टीरिया का असंतुलन
खाद्य एलर्जी
अतिसंवेदनशील
अंडरफेडिंग

उदरशूल के लक्षण-

शिशु का लगातार रोना
बिना कारण रोना
रोजाना रोना
शिशु का चिड़चिड़ा होना
चेहरे का रंग बदलना
रोते समय शरीर में तनाव

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा भी उदरशू की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर उदरशूल की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर आप अपने बच्चे का सही तरीके से उपचार कर सकते है।

पसली में दर्द की समस्या

सांस लेते समय क्या आपने बाईं पसली के नीचे अचानक तेज दर्द महसूस होता है। अगर हां तो आपने जरूर सोचा होगा कि यह हार्ट अटैक का लक्षण है और इससे आपकी जान भी जा सकती है। यदि आपको अपनी बाईं पसली के नीचे दर्द होता महससू हो तो घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह अन्य कारणों से भी हो सकता है। आइये जानते हैं बाईं पसली के नीचे दर्द हार्ट अटैक के अलावा अन्य किन कारणों से होता है। आप पसली मेें दर्द की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

पसली में दर्द के कारण-

चोट लगना
गठिया
शारीरिक तनाव
जोड़ों में इन्फेक्शन
टयूमर

पसली में दर्द के लक्षण-

छाती में बांयी तरफ दर्द
सांस लेते समय दर्द
तेज दर्द
पीड़ा या छाती में दबाव

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पसली की दर्द से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पसली के दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

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