बार-बार पेट दर्द से है परेशान

हर कोई समय.समय पर खाने या पीने के बाद पेट में गड़बड़ी, अपच, दर्द या ऐंठन का अनुभव करता है। पेट दर्द की शिकायत कुछ समय या लंबे समय तक हो सकती है। ये दर्द कम या तेज हो सकता है। इसकी जगह भी पेट में दाएं या बाएं किनारे हो सकती है। पेट में दर्द आम से लेकर गंभीर स्थिति के हो सकते है। पेट की तकलीफ पर वह शुरुआत में तो ध्यान नहीं देता। स्वयं ही मान लेता है कि कल रात खाने में ऐसा हो गया था या परसों रात देर से खाना खाया था। अगर आप पेट दर्द से परेशान है तो आप होम्योपैथिक उपचार से इसे ठीक कर सकते है। आइये सबसे पहले जानते है पेट दर्द के लक्षणों के बारें में-

आइये जानते है पेट दर्द के लक्षण-

वजन का गिरना
भूख कम लगना
बुखार आना
पीठ में दर्द
डाइट का कम होना
माहवारी का चढ़ जाना
कमजोरी लगना
मल का काना होना

पेट दर्द के कारण-

खाने या पीने के बाद पेट में गड़बड़ी
अपच
दर्द या ऐंठन का अनुभव
दर्द कम या तेज होना
पेट में दाएं या बाएं किनारे में दर्द

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप पेट दर्द से परेशान है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

मर्दो में शुक्राणु की कमी

कई बार देखने में आता है कि पुरूषों में शुक्राणुओं की कमी की समस्या हो जाती है। जिसका अर्थ है कम शुक्राणुओं की संख्या। एक संभोग के दौरान पुरूष के वीर्य में सामान्य से कम शुक्राणु होते हैं। लो स्पर्म काउंट को ओलिगोस्पर्मिया भी कहा जाता है। यदि किसी पुरूष के प्रति मिलीलीटर वीर्य में 15 मिलियन से कम शुक्राणु है तो आपके शुक्राणु की संख्या सामान्य से कम मानी जाती है। स्पर्म काउंट कम होने पर पुरूष के शुक्राणु महिला के अंडे को निषेचित करते हैं। जिसके कारा गर्भधारण करने में परेशानी आती है। अगर आप भी किसी ऐसी समस्या से जूझ रहे है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका समाधान कर सकते है।

पुरुषों में नि:संतानता के कारण शुक्राणु की खराब क्वालिटीए कम संख्या और निल शुक्राणु होता है। वीर्य में स्पर्म काउंट कम होने या निल शुक्राणु के कारण महिला के गर्भधारण होने में समस्या आती है।

आइये जानते है इसके कारण-

संक्रमण यानि इन्फेक्शन
टेस्टिकल पर गर्मी के कारण वीर्य में शुक्राणुओं में कमी
गर्म पानी से नहाना।
मोटापा
बार-बार वीर्य निकलना
अधिक रेडिएशन
प्रोस्टेट ग्लैंड की समस्या
अधिक शारीरिक और मानसिक परिश्रम करना
धूम्रपान
शराब का सेवन करना
तनाव

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी शुक्राणु की कमी से चलते परेशान है तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर होम्योपैथिक विधि से दवाओं का सेवन कर अपना बेहतर उपचार सकते है। इससे आपकी की समस्या का समाधान हो जायेगा। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट में दिये गये लेखों को अध्ययन कर वीडियो भी देखें।

कही आपका बच्चा बिस्तर में पेशाब तो नहीं करता?

कई बच्चों को बिस्तर पर पेशाब करने की आदत होती हैं। बच्चा छोटा हो तो इसे हम अक्सर ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन कई बार ये समस्या बढ़ती उम्र के बच्चों में भी देखी जाती हैंए जिससे कारण दूसरी जगह हमें शर्मिंदा होना पड़ता हैं। अगर आपका बच्चा भी बिस्तर में पेशाब करता है तो आप होम्योपैथिक विधि से उसका उपचार कर सकते है। होम्योपैथिक दवाइयों के द्वारा बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के रोग के कारण को दूर करके बच्चों की सोते समय बिस्तर पर पेशाब करने की समस्या को हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता है।

आइये जानते है बच्चों का बिस्तर में पेशाब करने के लक्षण-

बार.बार बिस्तर गीला करना
कपड़ों में ही बिस्तर गीला करना
सप्ताह में कम से कम दो बार बिस्तर गीला करना

आइये जानते है इसके कारण-

रात में जागने में असमर्थ
मूत्राशय का अधिक क्रियाशील होना
मूत्राशय के नियंत्रण में देरी होना
मूत्र विसर्जन पर नियंत्रण न होना
नाक संबंधित अवरोध
गहरी नींद
कब्ज का होना।
कॉफी का सेवन करने से।
मनोवैज्ञानिक समस्या
आनुवांशिक

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा भी बिस्तर में पेशाब करता है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

बहरेपन का होम्योपैथिक

अगर आपको सुनने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो आपको सुनने की समस्या हो सकती है। यह बहुत हल्के से शुरू होती है लेकिन धीरे-धीरे यह बहरेपन जैसी गंभीर समस्या बन जाती है। कम सुनाई देना या बिल्कुल भी सुनाई न देना बहरापन कहलाता है। आइये जानते है इसके कारण और लक्षण।

ये है लक्षण-

ध्वनि धीमी सुनाई देना।
कुछ विशेष तरह के शब्दों को न समझ पाना।
शब्दों को समझने में मुश्किल होना।
विशेषकर भीड़ में किसी के बोलने व पीछे से आने वाली आवाजों को समझने में मुश्किल होना।
लोगों को स्पष्ट, धीमी गति से और जोर से बोलने के लिए बार-बार कहना।
रेडियो और टीवी को तेज आवाज में सुनना।
सामाजिक कार्यों से बचना।
सामने वाले की बात समझ न आने पर बात को बीच में ही छोड़ देना।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपको सुनने की समस्या से परेशान है तो आप इसका होम्योपैथिक उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गए वीडियो को देखकर अपना उपचार कर सकते है।

नाक बंद की होने की समस्या से परेशान है़?

अक्सर ठंड के मौसम में चाहे बच्चे हों या बड़े, हर किसी को सर्दी−जुकाम या नाक बंद होने की समस्या का सामना करना ही पड़ता है। भले ही यह समस्या मामूली-सी हो और तीन से पांच दिन में ठीक हो जाए लेकिन इस समस्या के दौरान व्यक्ति को काफी परेशानी होती है। आज हम आपको इस समस्या से निजात के लिये होम्योपैथिक उपचार बताये है।

आईये जानते है इसके लक्षण

सिर और आंखों में तेज़ दर्द
आवाज़ में भारीपन
हलका बुखार और बेचैनी
जबड़े, गालों और दांतों में दर्द।
सूंघने की क्षमता प्रभावित होना।
भोजन में अरुचि।
नाक से पानी गिरना और छींकें आना।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप नाक बंद होने को समस्या से परेशान है तो आप इसका होम्योपैथिक उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गए वीडियो को देखकर अपना उपचार कर सकते है।

खूनी बवासीर का होम्योपैथिक उपचार

खूनी बवासीर में किसी प्रकार की पीड़ा नहीं होती है। इसमें मलत्याग करते समय खून आता है। इसमें गुदा के अन्दर मस्से हो जाते हैं। जिसके चलते मलत्याग के समय खून मल के साथ थोड़ा.थोड़ा टपकता है या फिर पिचकारी के रूप में आने लगता है। मल त्यागने के बाद मस्से अपने से ही अन्दर चले जाते हैं। गंभीर अवस्था में यह हाथ से दबाने पर भी अन्दर नहीं जाते। इस तरह के बवासीर का तुरंत उपचार कराएं। अगर आप खूनी बवासीर से परेशान है तो आपकों घबराने की जरूरत नहीं है आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार करा सकते है।

खूनी बवासीर के लक्षण-

स्टूल के रंग में बदलाव
स्टूल पास करते समय दर्द।
हर समय एनस मार्ग में दर्द।
सिर दर्द।
चक्कर आना।
उल्टी और जी मिचलाना।
बुखार आना।
शरीर का वजन कम होना।

खूनी बवासीर के कारण-

गलत खानपान
कब्ज की समस्या
अंदरूनी या बाहरी बवासीर
कठोर मल।
एनल सेक्स।
बढ़ती उम्र।
मोटापा।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप खूनी बवासीर की समस्या से परेशान है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

आर्सेनिक का होम्योपैथिक उपचार

आर्सेनिक मानव शरीर के लिए जहरीला असर पैदा करता है, आर्सेनिक.पॉइजनिंग को चिकित्सकीय भाषा में आर्सेनिकोसिस कहते हैं। यह मानव शरीर में उपलब्ध आवश्यक एंजाइम्स पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ता है और जिसकी वजह से शरीर के बहुत से अंग काम करना बंद कर देते हैंए अंत में इसकी कारण रोगी की मौत हो जाती है। सामान्यतः मानव शरीर आर्सेनिक के बहुत कम मात्रा का आदी होता हैए जो मूत्र के जरिए बाहर निकल जाता है। अगर अधिक मात्रा में आर्सेनिक का सेवन होने लगे तो यह शरीर के अंदर ही रह जाता है। और आर्सेनिक शरीर पर तरहण्तरह के नकारात्मक असर छोड़ता रहता है। आइये जानते है कैसे हम आर्सेनिक का होम्योपैथिक उपचार कर सकते है।

आर्सेनिक के लक्षण-

कमजोरी
कंजाक्तिवाईटिस
हिपेटोमिगेली
पोर्टल उच्च रक्तचाप
पेटए आंत और अग्न्याशय की रक्त वाहिकाओं में उच्च रक्तचाप
फेफड़ों के रोग
पोलीन्यूरोपैथी
अंगों में सूजन
हृदय सम्बंधी रोग
उच्च रक्तचाप
एनीमिया

आर्सेनिक के कारण-

अधिक मोटा होना
हथेलियों पर
तलवों और पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना
पेट दर्द
उल्टीए दस्त
असामान्य दिल की धड़कन
रक्त वाहिकाओं को नुकसान
आंशिक पक्षाघात
अंधापन
ऐंठन

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप आर्सेनिक की समस्या से परेशान है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

पाइल्स और फिशर की परेशानी

जब आपकी गुदा या गुदा की नलिका में किसी प्रकार का कट या दरार बन जाती हैए तो उसे एनल फिशर कहते हैं। एनल फिशर अक्सर तब होता है जब आप मल त्याग के दौरान कठोर और बड़े आकार का मल त्याग करते हैं। वही बवासीर या पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें एनस के अंदर और बाहरी हिस्से की शिराओं में सूजन आ जाती है। इसके कारण गुदा के अंदरूनी हिस्से में या बाहर के हिस्से में कुछ मस्से जैसे बन जाते हैंए जिनमें से कई बार खून निकलता है और दर्द भी होता है।

पाइल्स और फिशर में फर्क-

पाइल्स और फिशर का फर्क जानें कई बार पाइल्स और फिशर में लोग कंफ्यूज हो जाते हैं। फिशर भी गुदा का ही रोग हैए लेकिन इसमें गुदा में क्रैक हो जाता है। यह क्रैक छोटा सा भी हो सकता है और इतना बड़ा भी कि इससे खून आने लगता है।

पाइल्स-


50 वर्ष की आयु तक के अधिक लोगोें पर प्रभाव
गर्भावस्था में सामान्य रूप
आंतरिक या बाहरी

आइये जानते है इसके लक्षण-

मल त्याग के बाद खून आना।
मल के साथ खून आना।
कभी.कभी रक्त गुदा के आस.पास क्लॉट कर जाना।
पुरानी कब्ज का होना।
कठिन मल त्याग के कारण

आइये जानते है फिशर के बारे में-

गुदा के चारों ओर एक कट या दरार का होना।
शौच करने के लिए बहुत अधिक दबाव आना।
संक्रमित होने पर रक्त या मवाद आना।
कब्ज का होना।
दस्त का होना।
भारी व्यायाम करने से।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप पाइल्स या फिशर की समस्या से परेशान है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

क्या आप गंजेपन से परेशान है?

लंबे बाल सभी को पसंद होते हैं, पर बढ़ती उम्र, तनाव, प्रदूषण और बीमारियों के कारण कई महिलाओं के बाल इस कदर झड़ रहे हैं कि गंजेपन की नौबत आ रही है। बालों का झड़ना आज के समय में एक आम समस्या है और यह परेशानी सिर्फ पुरूषों में ही नहीं, बल्कि महिलाओं में भी देखी जाती है। जब महिलाओं में गंजेपन की समस्या होती है तो यह यकीनन उन्हें काफी परेशान कर सकती है। गलत खानपान, तनाव, प्रदूषण व केमिकल युक्त हेयर प्रॉडक्ट के चलते यह गंजेपन की समस्या होती है। अगर आप भी ऐसी ही परेशानी से जूझ रही हैं तो इन आसान होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर गंजेपन की समस्या को दूर कर सकती हैं−

आइये जानते है इसके कारण-

एक उम्र के बाद बालों का झड़ना
हार्मोनल असंतुलन
सिर पर चोट की वजह
सिर पर दाद
शरीर में आयरन की कमी
आहार में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न होना

गंजेपन के लक्षण-

गंजेपन सिर के मध्य से दिखाई देना
बालों का पतला होना
कंघी करते समय बालों का टूटना।
पूरे शरीर के बालों का झड़ना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप बाल झड़ने की समस्या से परेशान है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

क्या आप मानसिक तनाव से परेशान है

तनाव में रहना आपके लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। तनाव में रहने से हमें कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें से एक डिप्रेशन भी है। अगर आप तनाव में रहते है तो आपको सावधान होने कि जरूरत है, क्योंकि इससे आपकी जिंदगी में बहुत बड़ा परिवर्तन आ सकता है। आज की इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में तनाव होना एक आम बात है। चाहे वो तनाव आपके लक्ष्य को पाने के लिए हो या किसी और वजह से हो। अगर आप ज्यादा ही तनाव भरा महसूस करते है तो, ये आपकी सेहत के लिए अच्छा संकेत नहीं है। अगर आप भी तनाव में रहते है तो आप इसका होम्योपैथिक उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

पेट में दर्द होना।
बार-बार खांसी का होना।
चिंता में रहना।
नींद पूरी न होना।

तनाव में रहने के कई कारण होते है। ऐसे में हमें इन कारणों पर खास ध्यान देना चाहिए-

परीक्षाओं के चलते तनाव।
तर्क.वितर्क करना।
लगातार तंग किये जाने से।
आफिस के वर्क से परेशान।
शादी या बच्चे के जन्म पर।
यातायात में फंस जाना।
असफलता का डर
गैर क़ानूनी काम करने पर।

होम्योपैथिक उपाय-

अगर आप भी मानसिक तनाव से परेशान है तो आपकों घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।