हड्डियों से कट-कट की आवाज

कभी-कभी अचानक से जब हम उठते बैठते है तो हमारे घुटनों से कट-कट की आवाज आती है जिसे हम सुन कर भी अनसुना कर देते हैं क्योंकि न तो हमारे घुटनो में दर्द होता है और न ही सूजन और हम उस आवाज को नजरअंदाज कर देते है वैसे तो ये कोई बीमारी नहीं है लेकिन बीमारी का संकेत जरूर है। अगर आपकी हड्डियों से कट-कट की आवाज आ रही हो तो आपको इसे गंभीरता से लेना होगा क्योंकि यह हड्डियों से जुड़ी गंभीर बीमारी का लक्षण है। जोड़ों से आने वाली इस प्रकार की आवाज को मेडिकल साइंस में क्रेपिटस कहा जाता है। ऐसी आवाज आने के पीछे का कारण जोड़ों में मौजूद द्रव में हवा के छोटे बुलबुलों का फूटना है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसका कारण-

कई बार जोड़ों के बाहर मौजूद मांसपेशियों के टेंडन या लिगामेंट्स की रगड़ से भी आवाज सुनाई देती है। अक्सर यह समस्या होती है, तो यह गठिया का या हड्डियों के जोड़ों में लुब्रिकेंट की कमी का संकेत हो सकते है। यह समस्या कैल्शियम की कमी के कारण भी होती हैं। हड्डियों की एक बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर होने लगती है। उम्र के साथ जोड़ों में या हड्डियों में आवाज आना या दर्द होना आम बात हो सकती है लेकिन कम उम्र में भी कई लोगों इस समस्या से परेशान रहते हैं।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हड्डियों से कट-कट की आवाज की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हड्डियों से कट-कट की आवाज की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

कंधे में दर्द की समस्या

कंधे का दर्द आमतौर पर लगातार सुस्त और दर्दनाक सनसनी की विशेषता है जो कंधे के जोड़ से या अन्य मांसपेशियों, लिगामेंट और या टेंडन से उत्पन्न हो सकती है जो कंधे के क्षेत्र को घेरती है। कंधे के जोड़ से उत्पन्न होने वाला कंधे का दर्द आमतौर पर इस लक्षण वाले व्यक्ति के कंधे या ऊपरी बांह की गति के साथ बिगड़ जाता है। अक्सर लोग दर्द को नजरअंदाज करना ही उचित समझते हैं। दर्द किसी भी तरह का हो, उसे नजरअंदाज नहीं बल्कि उसका इलाज करना चाहिए। यूं तो व्यक्ति को कई तरह के शारीरिक दर्द से अकसर दो चार होना पड़ता है। इन्हीं में से एक है कंधे का दर्द। कभी अत्यधिक काम तो कभी अनावश्यक का तनाव, कंधे में दर्द की वजह बनता है । हालांकि कई लोग कंधे में दर्द होने पर मालिश करते है यह एक अच्छा विचार है। लेकिन अगर आप कंधे के दर्द से परेशान है तो होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है।

आइये जानते है कंधा दर्द के कारण-

जमे हुए कंधे
मोच और तनाव
मल्टीपल स्क्लेरोसिस
फ्रोजन सोल्डर
चोट
कंधा उतर जाना
पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस
रूमेटाइड गठिया
टेन्डेंटिस
सेप्टिक गठिया
रोटेटर कफ की चोट

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी कंधे के दर्द की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर कंधे के दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

ऐसे खोले बंद नाक

सर्दियां आते ही नाक, गले की परेशानियां भी शुरू हो जाती है। ऐसे में ज्यादातर लोग डॉक्टर के पास जाना पसंद नहीं करते और घर में रखी कोई पेन किलर खा लेते हैं लेकिन बार-बार दवाई लेने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है। इसलिए आपको इन छोटी-छोटी परेशानियों का होम्योपैथिक उपाय करना चाहिए। हालांकि लोग विक्स के जरिए बंद नाक खोलने का तरीका अपनाते है। गले पर लगाने से भी यह काफी हद तक राहत देता है। आप बंद नाक और गले की दिक्कत के लिए गर्म पानी में विक्स डालकर उसकी भाप भी ले सकते हैं। लेकिन आप होम्योपैथिक विधि से इसका सही उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

एलर्जी
परागज ज्वर
नाक की बीच वाली दीवार
नाक में कैंसर
वातावरणीय पदार्थ
साइनस संक्रमण

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी नाक बंद होने की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर नाक बंद होने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

बच्चों में सूखा रोग

बच्चों में सूखा रोग एक ऐसी स्थिति है जब हड्डियां नरम और भंगुर हो जाती है। इस बीमारी के सबसे सामान्य कारणों में विटामिन डी की कमी और बच्चों द्वारा कैल्शियम का कम सेवन है। दूसरे शब्दों में कुपोषण हड्डियों की क्षति में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। जेनेटिक स्थितियां भी इस बीमारी का एक कारण हो सकती हैं। बच्चे मुख्य रूप से प्रभावित होते हैं। कभी-कभी वयस्क भी प्रभावित हो जाते हैं और इस स्थिति को ऑस्टियोमलेशिया कहा जाता है। कमजोर हड्डियों के साथ व्यक्ति में विकास अवरुद्ध और कंकाल की विकृति भी होती है। आज हम बतायेंगे होम्योपैथिक विधि से आप कैसे बच्चों में होने वाले सूखा रोग से छुटकारा पा सकते है।

सूखा रोग के लक्षण

हड्डियों का कमजोर होना
टांगे मुडऩा
मांसपेशियों में ऐंठन
बौनापन
शारीरिक विकास में कमी
हड्डियों में फ्रैक्चर

आइये जानते है इसके कारण-

विटामिन डी की कमी
सीलिएक रोग
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज
किडनी रोग

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा भी सूखा रोग की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सूखा रोग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

ऐसे बढ़ाये चेहरे की इम्यूनिटी

चेहरा हमेशा दमकता रहे, इसके लिए तरह-तरह के जतन करते हैं। सैकड़ों-हजारों रुपए खर्च करने के बावजूद और कई बार तो प्राकृतिक उपायों से भी अपने चेहरे को इन काले-कलूटे से दिखने वाले दाग-धब्बों से बचा पाना मुश्किल होता है। मुहांसों से ज़्यादा परेशान करने वाली कोई दूसरी समस्या नहीं है। किसी भी अच्छे अवसर पर शामिल होने जाना हो तो वे अक्सर चेहरे पर उग ही आते हैं और फिर जाने का नाम ही नहीं लेते, चाहे आप उन्हें हटाने के लिए कितने ही नुस्खे क्यों न आज़मा ले। कई लोगों को लगता है कि मुहांसों की वजह से आए चेहरे के दाग धब्बे अपने आप ही चले जाएंगे, लेकिन ऐसा होता नहीं है।

आइये जानते है दाग-धब्बों के कारण-

मनुष्य की त्वचा की रंगत शरीर में मौजूद मेलानिन नामक तत्व पर निर्भर करती है। यह एक प्राकृतिक वर्णक होता है। जिनमें मेलानिन की मात्रा ज्यादा होती है उनका रंग गहरा होता है। जबकि कम मेलानिन वाले लोगों का रंग साफ होता है। लोगों में हाइपरपिगमेंटेशन तब होता है जब मेलानिन का उत्पादन अधिक होने लगता है। इसके अलावा अगर मेलानोसाइट नामक कोशिकाओं में कोई गड़बड़ी होती है तो इसके चलते भी काले दाग-धब्बे हो सकते हैं।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी अपने चेहरे पर दाग-धब्बों का समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर दाग-धब्बों की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

हाथ-पांव में सूजन आना

अक्सर सर्दी के मौसम में हाथ और पैर या पैरों की उंगलियों पर लाल निशान बनने या खुजली के साथ सूजन आने की समस्या आम बात है। डॉक्टर इस बीमारी को चिलब्लेन कहते हैं। कई बार ज्यादा खुजली के कारण हाथ पैरों में घाव भी हो सकते हैं। चिलब्लेन, ठंड में नंगे पैर घूमने या तापमान में अचानक बदलाव से होती है। ठंड के दिनों में बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। यह एक कनेक्टिव टिश्यूज डिजीज है। हालांकि, साधारण उपाय करके इससे बचा जा सकता है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है। दोस्तों हमारी वेबसाइट पर आपको हर बीमारी की समस्या का समाधान मिलता है। हमारी यही कोशिश रहती है कि आपकी समस्या का समाधान हो इसलिए हमने वेबसाइट के साथ-साथ यू-ट्यूब चैनल पर भी बीमारियों के समाधान की वीडियो बनाये है आप हमारे चैनल साहस होम्योपैथिक पर जाकर वीडियो देख सकते है।

आइये जानते है इसके कारण

एलर्जी की समस्या
पानी की मात्रा का बढऩा
किडनी संबंधी समस्य
सही भोजन न करना
हिमोग्लोबिन की कमी
बीमारी का संकेत
रक्त संचरण के ठीक न होना
मौसम का बदलना
चोट के चलते
बढ़ती उम्र

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हाथ-पैरों में सूजन की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हाथ-पैर की सूजन की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

आधे सिर में दर्द

मौसम बदलने के साथ ही कई बार मौसम बेहद ठंडा हो जाता है। ऐसे में माइग्रेन के पेशेंट को बहुत प्रॉब्लम होती है। यह समस्या महिलाओं को ज्यादा होती है, इसलिए इस मौसम में उन्हें सावधानी रखने की ज्यादा जरूरत होती है। इस मौसम में माइग्रेन के कारण होने वाली परेशानी से कैसे बचें। माइग्रेन सिरदर्द की बीमारी है। आमतौर पर यह दर्द आधे सिर में होता है। यह दर्द आता-जाता रहता है, लेकिन कई बार पूरे सिर में दर्द होता है। यह दर्द 2 घंटे से लेकर 72 घंटे तक बना रहा सकता है। कई बार दर्द शुरू होने से पहले मरीज को चेतावनी भरे संकेत भी मिलते हैं।आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से आधे सिर के दर्द को दूर कर सकते है। दोस्तों हमारी वेबसाइट पर आपको हर बीमारी की समस्या का समाधान मिलता है। हमारी यही कोशिश रहती है कि आपकी समस्या का समाधान हो इसलिए हमने वेबसाइट के साथ-साथ यू-ट्यूब चैनल पर भी बीमारियों के समाधान की वीडियो बनाये है आप हमारे चैनल साहस होम्योपैथिक पर जाकर वीडियो देख सकते है।

आधे सिर में दर्द के कारण-

व्रत लेना
ऐल्कोहल का सेवन
अनियमित पीरियड्स
बर्थ कंट्रोल पिल्स
हॉर्मोनल में परिवर्तन
एलर्जी
टेंशन
तेज रोशनी
तेज सुगंध
तेज आवाज
धुआं
सोने का तय सही समय न होना

आइये जानते है इसके लक्षण-

जी मिचलाना
उलटी होना
लो बीपी
रोशनी और आवाज से परेशानी
चिड़चिड़ापन
रुक-रुककर चमकीली रोशनी
टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं
आंखों के सामने काले धब्बे
स्किन में चुभन
कमजोरी महसूस

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी आधे सिर के दर्द की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर आधे सिर दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

कैसा भी सिर दर्द हो

सिरदर्द, ये शब्द सुनते ही हम पिछली बार के सिरदर्द की यादों में चले जाते हैं। दर्द जो हल्का-हल्का शुरू होता है और धीर-.धीरे थोड़ा बढ़ जाता है और कभी-कभी असहनीय भी हो जाता है। तनाव खुदको एक दर्द के रूप में पेश करता है। दर्द आपको धीरे-धीरे पकड़ता है और समय के साथ बढ़ता है। ऐसा लगता है कि आपके सिर पर बहुत दबाव है, जैसे कोई आपके सिर को निचोड़ रहा है। दर्द लगातार हो सकता है और सिर के दोनों तरफ एक तंग बैंड की तरह प्रभावित कर सकता है। यहां तक ​​कि आपकी गर्दन की मांसपेशियों को भी दर्द महसूस हो सकता है। दर्द आपके पूरे सिर पर या सिर्फ एक तरफ या अपने सिर के पीछे वाले भाग में हो सकता है।आपकी गर्दन में भी दर्द का प्रभाव हो सकता है। आप होम्योपैथिक विधि से सिर दर्द का बेहतर उपचार कर सकते है।

आइये जानते है सिर दर्द के कारण-

तनाव और चिंता
खराब मुद्रा
कंप्यूटर पर लगातार काम करने से
मांसपेशियों में दर्द
शोरगुल
फोन पर देर तक बात करना
ज्यादा सोचना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी सिर दर्द की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सिर दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव

योनि से होने वाले हल्के रक्तस्त्राव को खून के धब्बे आना कहा जाता है। यह माहवारी के एकदम शुरुआत या अंत में आने वाले खून के धब्बों की तरह ही होती है लेकिन इसका प्रवाह काफी कम होता है। खून का रंग लाल से लेकर भूरा हो सकता है और आमतौर पर कुछेक धब्बे ही होते हैं। गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में रक्तस्त्राव होना सामान्य है और इससे आपके शिशु को नुकसान पहुंचने की संभावना नहीं होती। हालांकि यह सामान्य है और अक्सर चिंता की कोई बात नहीं होती, मगर फिर भी आपको इस बारे में तुरंत अपनी डॉक्टर को बताना चाहिए। क्योंकि कुछ मामलों में यह रक्तस्त्राव किसी समस्या का संकेत भी हो सकता है।

आइये जानते है इसके कारण-

प्रत्यारोपण
ब्रेकथ्रू ब्लीडिंग
योनि या ग्रीवा
सर्वाइकल
गर्भपात
समय से पहले डिलीवरी
रक्त वाहिकाओं का फटना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क करगर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

गर्भावस्था में कब्ज

गर्भावस्था में कब्ज होना एक आम समस्या है और यह पहली तिमाही से ही शुरु हो सकती है। ऐसे कई महिलाएं है जो गर्भावस्था में कब्ज से परेशान रहती है लेकिन कब्ज अधिक होने पर कई परेशानियां हो सकती हैं। इससे महिला के लिए गर्भावस्था कष्टदायक साबित हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान कब्ज किसी को भी हो सकती है। 11.33 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को इसका सामना करना पड़ता है । यह तब तक चिंता का कारण नहीं है, जब तक कि यह गंभीर न हो जाए। गर्भवती महिला को कब्ज जैसी समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप गर्भावस्था में कब्ज की समस्या को दूर कर सकते है।

गर्भावस्था में कब्ज कारण-

पानी की कमी
दवाइयां
मेडिकल कंडीशन
प्रेग्नेंसी हॉर्मोन प्रोजेस्टीरोन
आहार में बदलाव
गर्भ का दबाव

आइये जाने है इसके लक्षण-

मल का कठोर होना
मलाशय में जख्म होना
मल का बहुत कम आना
भूख में कमी
पेट फूलना और दर्द होना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी गर्भावस्था में कब्ज की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।