हर्निया का होम्योपैथिक उपचार

जब शरीर का कोई अंग जब अपनी जगह से बाहर निकाल आता है तो उसे हर्निया कहा जाता है। आमतौर पर यह समस्या पेट, कमर, जांघ आदि भागों में हो सकती है। यदि इस समस्या का समाधान समय रहते न किया जाए तो स्थिति बद से बदतर हो सकती है। दरअसल हमारे शरीर में अंदरूनी कैविटी चमड़ी की झिल्ली से ढकी होती है। जब इन कैविटी की झिल्लियां कभी-कभी फट जाती हैं, तो किसी अंग का कुछ भाग बाहर निकल जाता है और उस जगह पर पहुंच जाता हैए जहां उसे नहीं होना चाहिए, इसे विकृति हर्निया कहते हैं। आज हम आपको बतायेंगे आप कैसे होम्योपैथिक दवा से हर्निया का उपचार कर सकते है। आइये सबसे पहले जानते है इसके कारण और लक्षण-

आइये जानते है हर्निया के लक्षण-

पेट पर सूजन होने से
पेट का साफ न रहना
मल में खून आना
सीने में दर्द होना
पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना
उल्टी होना
चलने या बैठने में तकलीफ होना

हर्निया के कारण-

समय से पहले पैदा होना
अचानक वजन बढ़ना
मोटापा होना
भारी वस्तु उठाना
कब्ज की समस्या
लगातार खांसी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हर्निया की समस्या है तो आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर हर्निया की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

एलर्जी की होम्योपैथिक दवा

एलर्जी वास्तव में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का ऐसा असर है इसके कारण हमारे शरीर के संपर्क में आने वाले कुछ पदार्थों और रसायनों के प्रति संवेदनशीलता बहुत तेजी से दिखती है और कई बार इस संवेदनशीलता का असर काफी लंबे समय तक दिखायी देता है। जिस पदार्थ या रसायन की वजह से शरीर में एलर्जी होती है उसे एलर्जेन कहा जाता है और एलर्जेन्स कहीं भी पाए जा सकते हैं। भोजनए पेय पदार्थों से लेकर पेड़.पौधों और यहां तक कि दवाओं में भी इन्हें देखा जा सकता है। ज्यादातर एलर्जेन हानिकारक नहीं होते या यह कहा जा सकता है कि अधिकांश लोगों को इनका असर नहीं होता है, लेकिन जिनका शरीर एलर्जेन्स के प्रति संवेदनशील होता है, उनके लिए एलर्जी की समस्या बेहद घातक हो सकती है। आज हम आपको बतायेंगे आप होम्योपैथिक विधि से एलर्जी का उपचार कैसे कर सकते है। लेकिन सबसे पहले जानते है इसके लक्षण और कारण।

एलर्जी के लक्षण-

शरीर में खुजली होना
चमड़ी का लाल होना
लाल दाने होना
शरीर में दाने वाली जगह पर सूजन होना
एग्जिमा नाम की बीमारी
चेहरा, होंठ और आंखों में सूजन
जी मिचलाना
डायरिया
गले में तेज जलन और दर्द होना।
पेट दर्द होना

एलर्जी के कारण-

हमारे रोजाना के जीवन में एलर्जी आसपास के माहौल/वातावरण से कई कारणों से हो सकती है। जैसे पेड़, पौधे, धूल, मिट्टी, पालतू जानवर, दवाएं एवं खाने.पीने की वस्तुएं इत्यादि।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी एलर्जी की समस्या है तो आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर एलर्जी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

पेट में गैस की समस्या

पेट में गैस बनना एक आम समस्या है। छोटी उम्र से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तकए हर उम्र के व्यक्ति को कभी न कभी इस समस्या का सामना करना पड़ा है। पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं। कई बार इसकी वजह से सीने में भी दर्द होने लगता है। गैस भयंकर तरीके से सिर में चढ़ जाती है
और उल्टियां तक आने लगती है। अगर आपको भी खतरनाक तरीके से गैस बनती है तो आप होम्योपैथिक उपायों के जरिए इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सकते हैं। गैस बनने से पेट फूलने लगता है और पाचन संबंधी दिक्कत पैदा हो जाती है। आइये जानते है इसके कारण और लक्षण-

पेट में गैस बनने के कारण-

अत्यधिक भोजन करना
ज्यादा देर तक भूखे रहने
तीखा या चटपटा भोजन करना
भोजन पचने में कठिनाई
चबाकर न खाना
ज्यादा चिंता करना
शराब पीना

पेट में गैस की समस्या के लक्षण

भूख न लगना
बदबूदार सांसें आना
पेट में सूजन रहना
उलटीए बदहज़मी
दस्त होना
पेट फूलना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पेट में गैस बनने की समस्या है तो आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर पेट में गैस बनने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

अपने बालों को बनाये काला

शरीर की सुन्दरता बढ़ाने में काले घने और लम्बे बाल अहम भूमिका निभाते हैं। यदि आप अपने बालो के झड़ने और उनके पतला होने से परेशान हैं तो टेंशन ना ले। आज हम आपको कुछ ऐसे होम्योपैथिक उपाय बताएंगे जिनके प्रयोग से आपके बाल मोटे, घने, लंबे और खुबसूरत बन जाएंगे। बढ़ते प्रदूषण और स्‍ट्रेस से हमारे बालों का बुरा हाल जो जाता है। बाल न सिर्फ झड़ने लगते हैं बल्‍कि समय से पहले सफेद भी हो जाते हैं। आप होम्योपैथिक विधि से अपने बालों को काला बना सकते है।

बाल जडने के कारण-

गर्भावस्था
डिप्रेशन
हार्ट प्रॉब्लम्स
अत्यधिक वजन कम होना
तेज बुखार
मीनोपॉज़
थायराइड की बीमारी
एलोपेसिया एरीट
स्कैल्प इन्फेक्शन जैसे दाद
कैंसर
उच्च रक्त चाप
गठिया

इसके अलावा विटामिन बालों को बढाने में आवश्यक भूमिका निभाते हैं। विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन डी, विटामिन ई, आयरन, सेलेनियम की कमी के कारण बालों का झड़ना शुरू होता है।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी बालों का काले और घना बनाने चाहते है तो आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर बालों की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

शरीर में खून की कमी

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सही और संतुलित खान-पान ना होने से शरीर को सैंकड़ों बीमारियां जकड़ लेती हैं। शरीर को स्वस्थ्य और फिट रहने के लिए अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ आयरन की भी जरूरत होती है। आयरन ही हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं ही शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं। हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। आज में आपको बतायेंगे अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

खून की कमी होने के कारण-

पोषक तत्वों की कमी
स्मोकिंग
एजिंग
ब्लीडिंग
आयरन की कमी
विटामिन बी-12 की कमी
फॉलिक एसिड की कमी

हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण-

चक्कर आना
थकान होना
त्वचा का पीला पड़ना
सीने में दर्द
तलवे और हथेलियों का ठंडा पड़ना
लगातार सिर में दर्द
शरीर में तापमान की कमी
आंखों के नीचे काले घेरे
सांस फूलनाए धड़कनें तेज होना
टांगें हिलाने की आदत

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके शरीर में भी खून की कमी है तो आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर टीएलसी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

पैरों में सूजन के कारण

पैरों में सूजन एक आम समस्‍या है जो कि गलत जीवनशैली, पोषण की कमी, शारीरिक गतिविधियां न करने या मोटापे की वजह से उत्‍पन्‍न होती है। देर तक खड़े रहने या बड़ती उम्र, प्रेग्‍नेंसी, प्रीमैंस्‍ट्रुअल सिंड्रोम और पैरों में ठीक तरह से रक्‍त प्रवाह न होने पर भी पैरों में सूजन आ सकती है। पैरों में दर्द गठिया, ओस्टियोपोरोसिस, जोड़ों में फ्रेक्चर, मसल्स में क्रेम्प्स या किसी अंदरूनी चोट के कारण ही नहीं होता है, बल्कि पैरों में दर्द होने के कई अन्य गंभीर कारण भी है। अगर आपके पैरो में सूजन हो रही है तो आप सावधान हो जाय। आप होम्योपैथिक विधि से उपचार कर सूजन को कम कर आपको दर्द से राहत दिलाएंगे।

क्यों होती है पैरों में सूजन-

गुरुत्वाकर्षण बल तरल पदार्थ को पैर और टखनों से नीचे खींचता है, इस कारण पैरों में सूजन हो जाती है। हालांकिए गुर्दे, हृदय, लिवर या रक्त वाहिकाओं की गंभीर स्थिति के कारण से भी सूजन हो सकती है। भले ही पैरों में सूजन मुख्य रूप से पैर में अत्यधिक तरल पदार्थ से होती हैए फिर भी इसके कई अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों में सुन्नता, कोमलता, लालिमा, गर्मी, झुनझुनी, कठोरता शामिल होती है। इसके अलावा बढ़ते हुए वजन के कारण भी आपके पैरों में सूजन हो जाती है। वही नमक और कार्बोहाइड्रेट के अधिक सेवन के कारण न्यूरोमस्क्युलर हो जाता है और इस कारण अंगों में सूजन हो सकती है और ऐसा डिउरेटिक्स और लैक्सटिवेस से भी हो सकता है।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पैरों में सूजन से परेशान है तो आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर टीएलसी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

किडनी में सिस्ट की समस्या

किडनी की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है। बच्चों में किडनी की कुछ बीमारी वंशानुगत तो कुछ जन्मजात होती हैं। कई बच्चों में स्केबिज नामक बीमारी (खुजली) होती है। यदि सही इलाज हो तो वह बीमारी किडनी तक पहुंच जाती है और किडनी को प्रभावित करती है। इसके अलावा गंदे परिवेश में रहने से स्केबिज की बीमारी होती है। महिलाओं में संक्रमण के कारण किडनी की बीमारी होती है। आप होम्योपैथिक विधि से किडनी में सिस्ट की समस्या को दूर कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

पेट के दोनों तरफ दर्द होना
पेशाब बार-बार होना
पेशाब में दिक्कत
पेशाब से खून आना
पेशाब अधिक या कम होना
शरीर में खून की कमी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर किसी आपको की किडनी में एक या एक से ज्यादा छाले यानी सिस्ट हो गए हैं, तो इसे ठीक करने के लिए चिकित्सक कई तरह के ट्रीटमेंट का सहारा ले सकते हैं। आप होम्योपैथिक विधि से अपनी किडनी की सिस्ट की समस्या को उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो के देख सकते है।