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पैरों में सूजन के कारण

पैरों में सूजन एक आम समस्‍या है जो कि गलत जीवनशैली, पोषण की कमी, शारीरिक गतिविधियां न करने या मोटापे की वजह से उत्‍पन्‍न होती है। देर तक खड़े रहने या बड़ती उम्र, प्रेग्‍नेंसी, प्रीमैंस्‍ट्रुअल सिंड्रोम और पैरों में ठीक तरह से रक्‍त प्रवाह न होने पर भी पैरों में सूजन आ सकती है। पैरों में दर्द गठिया, ओस्टियोपोरोसिस, जोड़ों में फ्रेक्चर, मसल्स में क्रेम्प्स या किसी अंदरूनी चोट के कारण ही नहीं होता है, बल्कि पैरों में दर्द होने के कई अन्य गंभीर कारण भी है। अगर आपके पैरो में सूजन हो रही है तो आप सावधान हो जाय। आप होम्योपैथिक विधि से उपचार कर सूजन को कम कर आपको दर्द से राहत दिलाएंगे।

क्यों होती है पैरों में सूजन-

गुरुत्वाकर्षण बल तरल पदार्थ को पैर और टखनों से नीचे खींचता है, इस कारण पैरों में सूजन हो जाती है। हालांकिए गुर्दे, हृदय, लिवर या रक्त वाहिकाओं की गंभीर स्थिति के कारण से भी सूजन हो सकती है। भले ही पैरों में सूजन मुख्य रूप से पैर में अत्यधिक तरल पदार्थ से होती हैए फिर भी इसके कई अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों में सुन्नता, कोमलता, लालिमा, गर्मी, झुनझुनी, कठोरता शामिल होती है। इसके अलावा बढ़ते हुए वजन के कारण भी आपके पैरों में सूजन हो जाती है। वही नमक और कार्बोहाइड्रेट के अधिक सेवन के कारण न्यूरोमस्क्युलर हो जाता है और इस कारण अंगों में सूजन हो सकती है और ऐसा डिउरेटिक्स और लैक्सटिवेस से भी हो सकता है।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पैरों में सूजन से परेशान है तो आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर टीएलसी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

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हिचकी का रोग अपने आप में कोई बहुत बड़ा रोग नहीं है लेकिन फिर भी हिचकी किसी भी इंसान को बहुत परेशान कर सकती है जैसे अगर भोजन करते समय हिचकी आना शुरू हो जाती है तो व्यक्ति का भोजन करना मुश्किल हो जाता है। छाती और पेट की मांसेपेशियां सिकुड़ने के कारण फेफड़े तेजी से हवा खिंचने लगते हैं और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, जिस कारण हिचकियां शुरू हो जाती है। कई बार गर्म खाने के एकदम बाद कुछ ठंडा खाने से भी हिचकी आना शुरू हो जाती हैं। हिचकी वैसे तो कुछ देर बाद अपने आप ही बंद हो जाती है लेकिन फिर भी अगर ये रोग पुराना हो जाए तो काफी भयंकर हो सकता है इसलिए समय पर ही इसकी चिकित्सा कर लेनी चाहिए।

कारण- हिचकी आने के रोग का अभी तक सही कारण तो पता नहीं चल पाया है
लेकिन हिचकी के कुछ देखे गए कारण है
ये अक्सर ज्यादा भोजन करने से,
शराब पीने से,
गुर्दें के खराब हो जाने से,
मधुमेह (डायबिटीज), आदि के कारण हो जाता है।

जानते है हिचकी के लिए होम्योपैथिक उपचार

Nux Vomica 30 की 5 बुँदे, रात को लें
Ginseng 30, की 2 बुँदे दिन में 3 बार लें (2 बुँदे सवेरे , 2 बुँदे दिन में ,2 बुँदे शाम को )
Kali Phosphoricum 6x की 4 गोली, दिन में तीन बार ( 4 गोली सवेरे, 4 गोली दिन में, 4 गोली शाम को )

हिचकी होने पर बताई गयी दवाओं को सही मात्रा में और सही समय लेने से हिचकी से आराम मिलता हैं । इसके साथ ही हिचकी आने पर एक गिलास पानी में शक्कर मिलाकर पीना चाहिए। हिचकी आने पर सांस को रोककर खाली घूंट निगल जाना चाहिए। हिचकी आने वाले व्यक्ति की कमर पर अचानक एक थपकी लगाकर उस पर ठण्डा पानी गिराकर उसको चौंका दें। बच्चों को हिचकी आने पर थोड़ा दूध या पानी पिलाने से हिचकी तुरंत ही बंद हो जाती है।